UAE: दुबई के अधिकारियों ने हाल ही में दो बड़े अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिनकी कुल अवैध राशि 641 मिलियन दिरहम बताई जा रही है। इन मामलों में कई देशों के लोग शामिल हैं, जिन पर धोखाधड़ी, नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल और अवैध पैसे के लेनदेन का आरोप है।

पहला मामला: नकली दस्तावेज और 461 मिलियन दिरहम

पहले ऑपरेशन में, दुबई लोक अभियोजन ने 21 ब्रिटिश नागरिकों, दो अमेरिकियों, एक चेक नागरिक और एक अमीराती नागरिक को दोषी ठहराया है। साथ ही, उस अमीराती के स्वामित्व वाली दो कंपनियां भी इस रैकेट में शामिल थीं। आरोप है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल करके यूके से यूएई तक 461 मिलियन दिरहम की अवैध धनराशि भेजी गई।

जांच में पता चला कि जाली दस्तावेजों के जरिए नकली व्यापार दिखाकर पैसा यूके से यूएई पहुंचाया गया था। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कस्टम जांच से बचने और पैसे को वैध दिखाने के लिए किया गया।

दूसरा मामला: क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग

दूसरे ऑपरेशन में, अधिकारियों ने 180 मिलियन दिरहम के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का खुलासा किया, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा था। यह नेटवर्क यूके और दुबई दोनों जगह सक्रिय था।

जांच के मुताबिक, इस नेटवर्क ने बिना लाइसेंस वाले क्रिप्टो बिचौलियों के जरिए पैसे का लेनदेन किया। इसमें मादक पदार्थों की तस्करी, कर चोरी और धोखाधड़ी से कमाई गई राशि शामिल थी। दो भारतीयों और एक ब्रिटिश नागरिक ने इस योजना को अंजाम दिया।

बैंक खातों पर रोक और आरोपियों की गिरफ्तारी

सटीक योजना और तेज़ कार्रवाई के चलते अधिकारियों ने इन मामलों में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया और मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों को फ्रीज कर दिया।

अलग-अलग एजेंसियों की भूमिका

इन कार्रवाइयों में दुबई लोक अभियोजन, दुबई आर्थिक सुरक्षा केंद्र, दुबई पुलिस, यूएई वित्तीय खुफिया इकाई और अन्य एजेंसियों ने अहम भूमिका निभाई। ये ऑपरेशन दुबई की मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकल्प को दिखाते हैं।

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