UAE: रास अल खैमाह में एक व्यक्ति पर अपनी पत्नी को मारने और उसकी सहमति के बिना उसका वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, अदालत ने जांच और सबूतों के आधार पर आरोपी को निर्दोष करार दिया।
क्या था मामला?
पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पति उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है और उसकी सहमति के बिना उसका वीडियो बनाता है। महिला का आरोप था कि पति ने उसे अपमानित करने और धमकाने के इरादे से ऐसा किया।
अदालत का फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों की समीक्षा की। अदालत ने पाया कि सबूत पर्याप्त नहीं हैं और इन आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई। इसके बाद आरोपी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
पति का बचाव
आरोपी ने अदालत में अपनी सफाई में कहा कि उसने अपनी पत्नी को न तो मारा और न ही उसकी सहमति के बिना कोई वीडियो बनाया। उसने यह भी दावा किया कि दोनों के बीच कुछ निजी विवाद थे, जिन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
महिला ने क्या कहा?
महिला ने कोर्ट में आरोप लगाया कि पति ने जानबूझकर उसका वीडियो बनाया और उसे धमकाने के लिए इसका इस्तेमाल किया। लेकिन अदालत ने सबूतों की कमी के कारण महिला के दावों को खारिज कर दिया।
निष्कर्ष
अदालत ने यह फैसला सबूतों की कमी के आधार पर सुनाया, जिससे आरोपी को राहत मिली। इस मामले ने एक बार फिर दिखाया कि कानूनी कार्रवाई में सबूतों की कितनी अहमियत होती है। यूएई के कानून इस तरह के मामलों में निष्पक्ष जांच और सुनवाई सुनिश्चित करते हैं।