UAE: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैरिफ वार्ता को लेकर बढ़ती चिंताओं की वजह से भारतीय रुपया एक दिरहम के मुकाबले गिरकर 23.94 के निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले शुक्रवार जब मुद्रा बाजार बंद हुआ था, तब यह 23.80 दिरहम पर था। इस गिरावट का सीधा फायदा उन भारतीय प्रवासियों को मिल रहा है जो खाड़ी देशों से भारत में पैसा भेजते हैं।
प्रवासियों के लिए अच्छा मौका
पिछले हफ्ते कई भारतीय प्रवासियों ने बड़ी मात्रा में पैसा भारत भेजा क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इस हफ्ते रुपया थोड़ा मजबूत होगा। खासतौर पर पिछले शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बैठक के बाद यह संभावना और भी बढ़ गई थी। इस बैठक में करीब पांच साल बाद ब्याज दरों में कटौती की गई और नए गवर्नर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने विचार रखे।
ट्रम्प के बयान से फिर उथल-पुथल
लेकिन जैसे ही ट्रम्प ने अमेरिका में एल्युमिनियम और स्टील के आयात पर टैरिफ लगाने की बात की, बाजार फिर से हिल गया। इसके चलते रुपये में और गिरावट आ गई। इस तरह की अनिश्चितताओं के बीच भारतीय मुद्रा कमजोर होती जा रही है, जिससे प्रवासी भारतीयों को फायदा हो सकता है क्योंकि उन्हें अपने परिवार को भेजे जाने वाले पैसों में ज्यादा मूल्य मिलेगा।
10 दिनों में 1.5% की गिरावट
दुबई के एक वरिष्ठ विदेशी मुद्रा विशेषज्ञ नीलेश गोपालन के मुताबिक, इस महीने के पहले 10 दिनों में रुपये की कीमत में लगभग 1.5% की गिरावट दर्ज की गई है। 31 जनवरी 2025 को यह 23.58 दिरहम (डॉलर के हिसाब से 86.64) पर था, लेकिन अब यह और नीचे चला गया है।
आगे क्या होगा?
फिलहाल, बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। अगर टैरिफ को लेकर और कोई नई घोषणा होती है या अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव आता है, तो रुपये की स्थिति और प्रभावित हो सकती है। हालांकि, भारतीय प्रवासियों के लिए यह अभी भी एक अच्छा मौका है कि वे बेहतर एक्सचेंज रेट का फायदा उठाकर अपने देश में ज्यादा पैसा भेज सकें।