UAE: सोमवार सुबह भारतीय Rupee की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई। भारतीय Rupee की कीमत में 7 पैसे की गिरावट दर्ज की गई है। US Dollar के मुकाबले Indian Rupee 84.73 पर पहुंच गया। यह गिरावट सोमवार सुबह के शुरुआती ट्रेडिंग सेशन के दौरान देखी गई। US Dollar के मुकाबले Rupee 84.7250 पर खुला, जो पिछले सत्र के 84.6875 के बंद स्तर से थोड़ा कमजोर रहा। डॉलर की मजबूती और आगामी अमेरिकी नीतियों से जुड़े अनुमान इसकी वजह बने।
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क्या है गिरावट की वजह?
- अमेरिकी नीतियों की उम्मीदें: ट्रम्प प्रशासन की संभावित नीतियों और फेडरल रिजर्व की आगामी ब्याज दर कटौती की उम्मीदों ने डॉलर को मजबूत बनाए रखा।
- डॉलर इंडेक्स में बढ़त: डॉलर इंडेक्स 0.2% बढ़कर 106.1 पर पहुंच गया। शुक्रवार को भी यह 0.5% बढ़ा था।
- एशियाई मुद्राओं की कमजोरी: अधिकांश एशियाई मुद्राओं में कमजोरी देखी गई, जिससे Rupee पर भी असर पड़ा।
रुपये की गिरावट पर नियंत्रण
- बैंकों का सहयोग: विदेशी और सरकारी बैंकों द्वारा डॉलर की बिक्री से Rupee की गिरावट पर नियंत्रण रखने में मदद मिली।
- आयातकों की मांग: स्थानीय तेल कंपनियों और आयातकों द्वारा डॉलर की मजबूत मांग भी रुपये की कमजोरी का कारण बनी।
क्या करें?
- विदेशी मुद्रा निवेशक मुद्रा विनिमय दर की लगातार जांच करें।
- प्रवासी भारतीयों (NRI) को रुपया कमजोर होने का फायदा उठाते हुए रेमिटेंस भेजने पर विचार करना चाहिए।
आगे की उम्मीदें
- RBI की संभावित दखल: ट्रेडर्स को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) Rupee को 85 के स्तर से नीचे गिरने से रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है।
- वर्षांत तक स्थिरता: एक सरकारी बैंक के ट्रेडर ने कहा कि वर्षांत की ओर जाते हुए Rupee की गिरावट धीमी हो सकती है, लेकिन 85 के स्तरसे नीचे जाने की संभावना बनी रहेगी।
फॉरवर्ड प्रीमियम और फेड की दरें:
- डॉलर-रुपया फॉरवर्ड प्रीमियम:
- एक साल की परोक्ष दर (इम्प्लाइड यील्ड) 3 बेसिस पॉइंट बढ़कर 2.10% हो गई।
- इसका कारण अमेरिकी नौकरियों के मजबूत आंकड़े हैं, जिससे फेडरल रिजर्व की 25 बेसिस पॉइंट की दर कटौती की संभावना बढ़ गई है।
निष्कर्ष
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मजबूती और आयातकों की उच्च मांग के कारण Indian Rupee कमजोर स्थिति में रहा। हालांकि, RBI का संभावित हस्तक्षेप और बैंकों की सपोर्टिंग पॉलिसी से Rupee को 85 के स्तर से नीचे गिरने से रोका जा सकता है। बाजार पर नजर बनाए रखें और आगामी वैश्विक घटनाक्रम पर ध्यान दें।